क्यू सी आई के बारे में

भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यू सी आई) को कैबिनेट के निर्णय से अंतर-मंत्रालयी कार्य बल, सचिवों की समिति और मंत्रियों के समूह के बीच परामर्श के बाद यूरोपीय संघ के विशेषज्ञ मिशन की सिफारिशों पर वर्ष 1996 में नेशनल बॉडी फॉर एक्रिडिटेशन (राष्ट्रीय प्रत्यायन निकाय) के रूप में स्थापित किया गया था। तदनुसार, स्वतंत्र स्वायत्त संगठन के रूप में पीपीपी मॉडल के माध्यम से क्यू सी आई की स्थापना भारत सरकार और भारतीय उद्योग के प्रमुख संघों मे से निम्न तीन (i) एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ़ इंडिया (एसोचैम), (ii) कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और (iii) फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के  सम्मिलित सहयोग से की गई थी।

वर्ष 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पंजीकृत क्यू सी आई एक गैर-लाभकारी संगठन है। औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को गुणवत्ता और क्यू सी आई से जुड़े सभी मामलों के लिए नोडल बिंदु के रूप में नामित किया गया था ताकि कैबिनेट के फैसले से इसकी संरचना और कार्यान्वयन में मदद मिल सके।

क्यू सी आई की स्थापना उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं के स्वतंत्र तृतीय पक्ष मूल्यांकन का एक तंत्र बनाने के लिए की गई है। यह राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, शासन, सामाजिक क्षेत्रों, बुनियादी ढांचा क्षेत्र और इस तरह की अन्य महत्वपूर्ण संगठित गतिविधियों के गुणवत्ता मानकों के प्रचार, अनुपालन एवं संवहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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आखरी अपडेट: 30 मई 2023